विक्रम संवत २००२ की साल में अड़कसर धूणी की स्थापना चैत्र नवरात्रा में बाबा साहब मोजी महेश के कर कमलों द्वारा स्थापना की गईं। बाबा मोजी महेश जी की धूणी अड़कसर ( नागौर ) पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। यहाँ श्री सांगलपति महाराज की शाखा पीठ स्थापित हुई है। इसकी स्थापना सीकर डीडवाना मार्ग बामणी तलाईं से ३ कि.मी. दक्षिण में सांगलिया की धूणी से ५ कि.मी. पास ही अड़कसर नामक स्थान पर संत शिरोमणि श्री मोजीदास जी के द्वारा स्थापना की गई है, कई दीन दुखियों के कष्टों का निवारण किया। यहाँ पर अनेक संतो का आगमन हुआ। संत शिरोमणी श्री मोजी महेश जी महाराज वचन सिद्ध संत थे। गुरू पद व गुरू महिमा ई नाम को यहाँ विशेष महत्व दिया जाता है।
यह धूणी दैनिक व दैहिक संतापों का निवारण कर दीन दुखियों को आत्मशान्ति का सुख प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध मानी जाती है। कहना उचित ही होगा कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती अर्थात यहाँ पर वचन सिद्ध साधुओं की विभूतियों ने अवतार लिया है तथा साहेब तो स्वयं एक चमत्कार थे जिन्होंने लोगों को प्रत्यक्ष चमत्कारों के द्वारा दिव्य दर्शन देकर उनके कष्टों का निवारण करवाया था।
आज भी बाबा साहब की इस पावन स्थली में कई दीन दुखी अपना दुःख मिटाने के लिए मोजी महेश जी की शरण में आते हैं।
श्री श्री १००८ श्री सांगलपति जी मोजिदास जी महाराज
श्री श्री १००८ श्री गिरधारीदास जी महाराज
श्री श्री १००८ श्री उदादास जी महाराज
श्री श्री १००८ श्री सांवलदास जी महाराज
श्री श्री १००८ श्री पूसादास जी महाराज
श्री श्री १०८ श्री ओमदास जी महाराज - वर्तमान गादीपति