॥ जय साहेब की ॥

आरती श्री सांगलपति महाराज की

ऊँ जय सत्तगुरु दाता,
स्वामी जय सत्तगुरु दात्ता। साहेब जय सततगुरु दाता।
गुरु देवन का देवा-२, आप सबके करता॥
ऊँ जय सततगुरु दात्ता।

निराकार साकार रुप धरनामी कहलाता,
स्वामी नामी कहलात्ता। साहेब नामी कहलाता॥
पूर्ण ब्रह्म प्रगद भय-२, सबके मन भाता,
ऊँ जय सततगुरु दाता॥ ऊँ जय सत्तगुरु…

केवल स्वरुप अनूप शीश पर हीरा भलकाता,
स्वामी हीरा भलकाता, साहेब हीरा भलकाता,
अखण्ड ज्योत निराती-२ निकलंक दर्शाता।
ऊँ जय सत्तगुरु दाता॥ ऊँ जय सत्तगुरु…

आद आरती सुमरण सोहे संत सभी ध्याता
स्वामी संत्र सभी ध्याता। साहेब संत सभी ध्याता।
निशदिन ध्यान लगाकर-२ मोक्ष फल पात्ता।
ऊँ जय सत्तगुरु दाता॥ ऊँ जय सत्तगुरु…

सांगलपति जी महाराजा,
दुःख दरिद्र हरता, स्वामी दुःख दरिद्र हरता
स्वामी सुख सम्पत्ति करता, साहेब सुख सम्पति करता
खींवचरण का चेरा, दास चरण का चेरा, आपका गुण गाता।
ऊँ जय सत्तगुरु दाता॥ ऊँ जय सत्गुरु…